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करवा चौथ पूजा मुहूर्त 2018

श्री श्रीजी शक्तिपीठ मथुरा  मांगलिक कार्य व ज्योतिष फलित केंद्र   करवा चौथ 2018 2018 में करवा चौथ व्रत कब है? 27अक्टूबर, 2018(शनिवार) करवा चौथ पूजा मुहूर्त : 17:40:34 से 18:47:42 तक अवधि : 1 घंटे 7 मिनट करवा चौथ चंद्रोदय समय : 19:55:00 करवा चौथ का त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती है। साथ ही अच्छे वर की कामना से अविवाहिता स्त्रियों के करवा चौथ व्रत रखने की भी परम्परा है। यह पर्व पूरे उत्तर भारत में ज़ोर-शोर से मनाया जाता है। करवा चौथ व्रत के नियम 1. यह व्रत सूर्योदय से पहले से शुरू कर चांद निकलने तक रखना चाहिए और चन्द्रमा के दर्शन के पश्चात ही इसको खोला जाता है। 2. शाम के समय चंद्रोदय से 1 घंटा पहले सम्पूर्ण शिव-परिवार (शिव जी, पार्वती जी, नंदी जी, गणेश जी और कार्तिकेय जी) की पूजा की जाती है। 3. पूजन के समय देव-प्रतिमा का मुख पश्चिम की तरफ़ होना चाहिए तथा स्त्री को पूर्व की तरफ़ मुख करके बैठना चाहिए। करवा चौथ कथा करवा चौथ व्रत कथा के अनुसार एक साहूकार...

श्री कृष्ण (गोपाल) जन्माष्टमी महोत्सव

श्री श्रीजी शक्तिपीठ मथुरा  मांगलिक कार्य व ज्योतिष फलित केंद्र  श्री गोपाल जन्माष्टमी महोत्सव  (2/9/2018, रविवार भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी रोहिणी नक्षत्र) १ श्रीमद्भागवत मतानुसार:-  "अथ सर्वगुणोपेतः कालः परमशोभनः। यर्ह्येवाजनजन्मर्क्षं शान्तर्क्षग्रहतारकम्॥ निशीथे तमउद्भूते जायमाने जनार्दने।।  अर्थ:- श्री मद् भागवत का ऐसा कथन है कि श्री गोपाल का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र मे मध्य रात्रि को हुआ था।  २ श्री विष्णु धर्मानुसार:- अथ कृष्णादिमासेन भाद्रकृष्णाष्टम्यां जन्माष्टमीव्रतं।। तच्च अर्धरात्रव्यापिन्यां कार्यं "रोहिण्या सहिता कृष्णा मासि भाद्रपदेऽष्टमी।। अर्धरात्रे तु योगोऽयं तारापत्युदये तथा।। नियतात्मा शुचिः सम्यक्पूजां तत्र प्रवर्तयेत्। इति विष्णुधर्मात्तरे तस्य पूजाकालत्वोक्तेः।। अर्थ:- श्री विष्णु धर्मानुसार कृष्ण पक्ष से मासका प्रारम्भ मानने पर भाद्रपद कृष्णा अष्टमी को जन्माष्टमी का व्रत होता है। इसमें अर्धरात्रव्यापिनी अष्टमी होनी चाहिए एसा शास्त्र प्रमाण देते हैं कि जन्माष्टमी ...

साप्ताहिक राशिफल (13 अगस्त 2018 से 19 अगस्त 2018)

श्री श्रीजी शक्तिपीठ मथुरा  मांगलिक कार्य व ज्योतिष फलित केंद्र  मेष राशि का साप्ताहिक राशिफल (13 अगस्त से 19 अगस्त) इस सप्ताह आप को अपनी उर्जा को नियंत्रित करते हुए विभिन्न कार्यों को उनके अंजाम तक पहुंचाना होगा। जहां एक ओर परिवार में आपकी आवश्यकता महसूस होगी। वहीं दूसरी ओर आपके कार्यक्षेत्र में भी आपकी आवश्यकता महसूस की जाएगी, इसलिए आपको दोनों के बीच सामंजस्य बिठाकर चलना होगा। पारिवारिक जीवन में कुछ अशांति रह सकती है और माता पिता का स्वास्थ्य भी आपको परेशान कर सकता है। वहीं दूसरी ओर कार्य क्षेत्र में आपके अधिकारों में वृद्धि होगी लेकिन आपका मन आपके कार्य में नहीं लगेगा। हालांकि इस दौरान आप जो भी निर्णय लेंगे उसमें सफलता प्राप्त करेंगे। आप करियर को एक अच्छी दिशा देने का प्रयास करेंगे। संतान के लिए समय मिश्रित परिणाम देने वाला होगा और उनका स्वास्थ्य कुछ कमजोर हो सकता है। विद्यार्थी वर्ग को अपनी सबसे बड़ी समस्या एकाग्रता की कमी से दो चार होना पड़ सकता है। आपके महिलाओं से व्यावहारिक संबंध बिगड़ सकते हैं जिस कारण कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है अतः इस ओर पूरा ध्या...

साप्ताहिक राशिफल (6 अगस्त 2018 से 12 अगस्त 2018)

श्री श्रीजी शक्तिपीठ मथुरा  मांगलिक कार्य व ज्योतिष फलित केंद्र   मेष राशि का साप्ताहिक राशिफल  (6 अगस्त से 12 अगस्त) इस सप्ताह आपके लिए धन लाभ के मार्ग खुलेंगे और आप उन अवसरों का लाभ उठा कर अच्छा धन लाभ अर्जित करेंगे। पारिवारिक जीवन में कुछ असंतुष्टि रह सकती है और इसकी वजह घर में तनाव का माहौल रहेगा। अपने माता-पिता की सेहत का ध्यान रखें क्योंकि उन्हें स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। कार्यक्षेत्र में आपका दबदबा बढ़ेगा हालांकि पारिवारिक समस्याओं का असर आपके काम पर भी पड़ सकता है। सप्ताह के मध्य में कुछ खर्च बढ़ सकते हैं लेकिन सप्ताहांत तक नियंत्रण में आ जाएंगे। संतान के लिए समय अच्छा रहेगा लेकिन पारिवारिक क्रियाकलापों का उन पर असर पड़ सकता है इसलिए उन्हें इस सब से दूर रखने का प्रयास करें। विद्यार्थियों के लिए समय चिंतन करने का है उन्हें और अधिक मेहनत करनी होगी व किसी भी परेशानी से घबराना नहीं है। वृष राशि का साप्ताहिक राशिफल  (6 अगस्त से 12 अगस्त) इस सप्ताह आप प्रसन्नचित रहेंगे और मानसिक रूप से खुद को सशक्त महसूस करेंगे। आपकी ऊर्जा में वृद्...

साप्ताहिक राशिफल (30 जुलाई 2018 से 5 अगस्त 2018)

श्री श्रीजी शक्तिपीठ मथुरा मांगलिक कार्य व ज्योतिष फलित केंद्र  साप्ताहिक राशिफल (30 जुलाई से 5 अगस्त) मेष राशि का साप्ताहिक राशिफल  (30 जुलाई से 5 अगस्त) इस सप्ताह आपके लिए धन लाभ के मार्ग खुलेंगे और आप उन अवसरों का लाभ उठा कर अच्छा धन लाभ अर्जित करेंगे। पारिवारिक जीवन में कुछ असंतुष्टि रह सकती है और इसकी वजह घर में तनाव का माहौल रहेगा। अपने माता-पिता की सेहत का ध्यान रखें क्योंकि उन्हें स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। कार्यक्षेत्र में आपका दबदबा बढ़ेगा हालांकि पारिवारिक समस्याओं का असर आपके काम पर भी पड़ सकता है। सप्ताह के मध्य में कुछ खर्च बढ़ सकते हैं लेकिन सप्ताहांत तक नियंत्रण में आ जाएंगे। संतान के लिए समय अच्छा रहेगा लेकिन पारिवारिक क्रियाकलापों का उन पर असर पड़ सकता है इसलिए उन्हें इस सब से दूर रखने का प्रयास करें। विद्यार्थियों के लिए समय चिंतन करने का है उन्हें और अधिक मेहनत करनी होगी व किसी भी परेशानी से घबराना नहीं है। वृष राशि का साप्ताहिक राशिफल (30 जुलाई से 5 अगस्त) इस सप्ताह आप प्रसन्नचित रहेंगे और मानसिक रूप से खुद को सशक्त महसूस क...

क्‍यों करते हैं हम परिक्रमा, किस देवता की कितनी परिक्रमा करें

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क्‍यों करते हैं हम परिक्रमा, किस देवता की कितनी परिक्रमा करें हिन्दु धर्म में देवी देवताओं की पूजा अर्चना के साथ साथ उनकी परिक्रमा का भी बहुत महत्व बताया गया है । अपने दक्षिण भाग की ओर से चलना / गति करना परिक्रमा कहलाता है। परिक्रमा में व्यक्ति का दाहिना अंग देवता की ओर होता है। हमेशा ध्यान रखें कि परिक्रमा सदैव दाएं हाथ की ओर से ही प्रारंभ करनी चाहिए, क्योंकि दैवीय शक्ति के आभामंडल की गति दक्षिणावर्ती होती है।  बाएं हाथ की ओर से परिक्रमा करने पर दैवीय शक्ति के आभामंडल की गति और हमारे अंदर विद्यमान परमाणुओं में टकराव पैदा होता है, जिससे हमारा तेज नष्ट हो जाता है। जबकि दाएं हाथ की ओर से परिक्रमा करने पर उस देवी / देवता की कृपा आसानी से प्राप्त होती है।  हिन्दू शास्त्रों में देवी-देवताओं की परिक्रमा के नियम प्रगतं दक्षिणमिति प्रदक्षिणं’ के अनुसार अपने दक्षिण भाग की ओर गति करना प्रदक्षिणा कहलाता है। प्रदक्षिणा में व्यक्ति का दहिना अंग देवता की ओर होता है। इसे परिक्रमा के नाम से प्राय: जाना जाता है। पूजा-अर्चना आदि के बाद भगवान की मूर्ति के आसपास सकारात्मक ऊर्जा एकत्...

कलावा (मौली) क्यू बाधा जाता है व इसका धार्मिक व वैज्ञानिक कारण क्या है

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कलावा(मौली) क्यू बाधा जाता है व इसका धार्मिक व वैज्ञानिक कारण  क्या है   हिंदू धर्म में किसी धार्मिक अनुष्ठान हो या पूजा-पाठ लगभग सभी अवसर पर लोग अपने हाथ की कलाई पर लाल धागा बांधते हैं, जिसे अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नाम से जाना जाता है। कई लोग इसे 'मौली' करते हैं, तो कई लोग कलावा और कंगन के नाम से भी जानते हैं। लेकिन क्या आप इस बात को जानते हैं कि आखिर पूजा-पाठ के बाद मौली यानी कलावा क्यों बांधते हैं, इसका क्या महत्व है। अगर आपका जवाब नहीं है तो चलिए आज आपको इस सवाल से छुटकारा देते हुए कलावा के महत्व को लेकर कुछ जरूरी बाते बताते हैं। आपको बता दें कि कलावा को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है कि इसे बांधने के धार्मिक महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी है। क्या है रक्षा सूत्र का महत्व;-  "येन  बद्धो बली  राजा  दानवेन्द्रो  महाबलः। तेन त्वामभिबध्नामि रक्षे माचल  माचल।।"  अर्थ :-   जिस  रक्षासे  महाबली  दानवेन्द्र बली राजा बांधा था तुझे  मैं उसीसे बांधता  हूँ।          ...