श्री कृष्ण (गोपाल) जन्माष्टमी महोत्सव 23/8/2019
श्री कृष्ण (गोपाल) जन्माष्टमी महोत्सव
श्री श्रीजी शक्तिपीठ मथुरा
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श्री गोपाल जन्माष्टमी महोत्सव
(23/8/2019, शुक्रवार भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी)
१ श्रीमद्भागवत मतानुसार:-
"अथ सर्वगुणोपेतः कालः परमशोभनः।
यर्ह्येवाजनजन्मर्क्षं शान्तर्क्षग्रहतारकम्॥
निशीथे तमउद्भूते जायमाने जनार्दने।।
अर्थ:- श्री मद् भागवत का ऐसा कथन है कि श्री गोपाल का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र मे मध्य रात्रि को हुआ था।
२ श्री विष्णु धर्मानुसार:-
अथ कृष्णादिमासेन भाद्रकृष्णाष्टम्यां जन्माष्टमीव्रतं।।
तच्च अर्धरात्रव्यापिन्यां कार्यं "रोहिण्या सहिता कृष्णा मासि भाद्रपदेऽष्टमी।।
अर्धरात्रे तु योगोऽयं तारापत्युदये तथा।।
नियतात्मा शुचिः सम्यक्पूजां तत्र प्रवर्तयेत्।
इति विष्णुधर्मात्तरे तस्य पूजाकालत्वोक्तेः।।
अर्थ:- श्री विष्णु धर्मानुसार कृष्ण पक्ष से मासका प्रारम्भ मानने पर भाद्रपद कृष्णा अष्टमी को जन्माष्टमी का व्रत होता है। इसमें अर्धरात्रव्यापिनी अष्टमी होनी चाहिए एसा शास्त्र प्रमाण देते हैं कि जन्माष्टमी का व्रत व पूजन भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र आधीरातके समय हो तो समाहित चित्तवाले पुरुष को चाहिए कि ऐसे समय में पूजन करना भली भांति प्रारम्भ कर दें। व्रत में केवल अर्धरात्रव्यापिनी अष्टमी को ग्रहण किया है कि अर्धरात्रव्यापिनी अवश्य होनी चाहिये॥
३ धर्मन्यायानुसार:-
अष्टमी तु सर्वमते कृष्णा पूर्वा सिता परा।
व्रतमात्रेऽष्टमी कृष्णा पूर्वा शुक्लाऽष्टमी परा।।
अर्थ:- सर्व धर्म मतानुसार कृष्ण पक्ष मे अष्टमी का प्रारम्भ भाग व शुक्ल पक्ष की अष्टमी का अंतिम भाग व्रत के लिए सर्व श्रेष्ठ कहा गया है।
इति सिद्धम्:-
जैसा की आपने पूर्व में पढ़ा कि धर्म शास्त्रो का कथन है कि श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र मे मध्य रात्रि को हुआ था इसी कारण से व सभी धर्मानुसार अष्टमी व्रत व महोत्सव प्रथम (प्रारम्भ) की अष्टमी तिथि मे मान्य होगा क्योंकि 23/8/2019, भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी 8:08 शुक्रवार को प्रारम्भ होकर 24/8/2019 में अष्टमी 8:31 तक मान्य होगी। "
इसी कारण से मध्य रात्रि की जन्माष्टमी 23/8/2019 शुक्रवार को ही मनाई जाएगी"॥
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Jay shriji ki