शारदीय नवरात्र महामहोत्सव 7 अक्टूबर 2021- 15 अक्टूबर 2021

 

शारदीय नवरात्र महामहोत्सव

आश्विन शुक्ल प्रतिपदा गुरुवार  से आश्विन शुक्ल दशमी शुक्रवार

गुरुवार 7 अक्टूबर 2021- शुक्रवार 15 अक्टूबर 2021

 

नवरात्रि का शुभ और पावन त्यौहार जल्द ही शुरू होने वाला है। हिंदू धर्म में नवरात्रि के इस त्योहार का बेहद ही खास महत्व होता है। इस वर्ष नवरात्रि 7 अक्टूबर से शुरू होगी और समापन 15 अक्टूबर को होगा। जानकारी के लिए बता दें कि शारदीय नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक मनाई जाती है।

नवरात्रि के इन नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों (शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री) की पूजा की जाती है। नवरात्रि राशिफल विशेष अपने इस विशेष आर्टिकल में आज हम बात करेंगे शारदीय नवरात्रि सभी 12 राशियों के लिए कैसी रहने वाली है। साथ ही जानेंगे शारदीय नवरात्रि घट स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है और इस नवरात्रि में माँ दुर्गा किस चीज़ पर सवार होकर आएँगी और उसका अर्थ क्या होता है?  

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2021 में घटस्थापना कब है?

घटस्थापना तिथि: 7 अक्टूबर, 2021 (गुरुवार)

घटस्थापना मुहूर्त: 06:16:56 से 10:11:33 तक

अवधि :3 घंटे 54 मिनट

ऊपर दिया गया मुहूर्त दिल्ली के लिए मान्य है। 

यहाँ क्लिक करें और अपने शहर के अनुसार घटस्थापना का शुभ मुहूर्त जानें।

अधिक जानकारी: इस वर्ष दुर्गा नवमी और दशहरा एक ही दिन यानि 15 अक्टूबर को ही पड़ रहा है।

            

इस वर्ष किसपर सवार होकर आएँगी माता दुर्गा?

नवरात्रि से संबंधित एक बेहद ही खास विषय यह जानना होता है कि, माता हर नवरात्रि अलग-अलग वाहनों से आती हैं। ऐसे में इन वाहनों का अर्थ क्या होता है और इस वर्ष माता जिस वाहन से आने वाली है आइए जानते हैं इस बातों का जवाब।

बात करें इस वर्ष माता दुर्गा किसपर सवार होकर आएँगी तो इसका उत्तर है डोली। जी हाँ माँ दुर्गा भक्तों को आशीर्वाद देने इस वर्ष डोली में बैठ कर आएँगी और नौ दिनों बाद डोली पर ही बैठ कर कैलाश लौट जाएँगी। 

किस वर्ष माँ दुर्गा किस चीज़ पर सवार होकर आने वाली हैं यह दरअसल दिन पर निर्भर करता है। अर्थात देवी भागवतपुराण के अनुसार

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इस वर्ष डोली पर सवार आएँगी माता दुर्गा: जानें इसका परिणाम 

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि, माता जिस भी चीज़ पर बैठ कर आती हैं उसका देश और दुनिया पर अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलता है। ऐसे में इस वर्ष जब नवरात्रि गुरुवार के दिन शुरू हो रही है तो स्वाभाविक है कि माता की सवारी डोली होने वाली है, जिसका यह भी अर्थ है कि, इस दौरान पड़ोसी देशों से भारत के अच्छे संबंध स्थापित होंगे और प्राकृतिक आपदा की आशंका कम होगी। 


नवरात्रि व्रत से जुड़े महत्वपूर्ण नियम

बहुत से लोग नवरात्रि के नौ दिनों तक व्रत करते हैं। वहीं जिनसे नौ दिनों का व्रत नहीं हो सकता है वो 1, 3 या पहले और आखिरी दिन का व्रत भी कर सकते हैं। हालांकि यह बेहद आवश्यक है कि आपको इस व्रत का नियम अच्छे से पता हो, तभी यह फलित होता है। तो आइये जान लेते हैं कि नवरात्रि व्रत का नियम क्या होता है और किन लोगों को यह व्रत नहीं करना चाहिए।

  • ·        नवरात्रि का व्रत फलाहार खा कर किया जाता है।
  •       इस व्रत में भी साफ़-सफाई और शुद्धता होना बेहद आवश्यक होता है।
  •       नवरात्रि के व्रत में सेंधा नमक खा सकते हैं।
  •      नवरात्रि का व्रत यूँ तो कोई भी रख सकता है लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज़ से यह व्रत गर्भवती महिलाओं, मरीज़ों, डायबिटीज के मरीजों को न रखने की सलाह दी जाती है।
  •      इसके अलावा घर में किसी की मृत्यु होती है तो 13 दिनों तक सूतक अवधि मानी जाती है। ऐसे में यदि इस दौरान नवरात्रि पड़ जाये तो भी व्रत नहीं रखना चाहिए।
  •       इस व्रत में भी साफ़-सफाई और शुद्धता होना बेहद आवश्यक होता है।
  •       नवरात्रि के व्रत में सेंधा नमक खा सकते हैं।
  •      नवरात्रि का व्रत यूँ तो कोई भी रख सकता है लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज़ से यह व्रत गर्भवती महिलाओं, मरीज़ों, डायबिटीज के मरीजों को न रखने की सलाह दी जाती है।
  •       इसके अलावा घर में किसी की मृत्यु होती है तो 13 दिनों तक सूतक अवधि मानी जाती है। ऐसे में यदि इस दौरान नवरात्रि पड़ जाये तो भी व्रत नहीं रखना चाहिए।

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जीवन में सुख समृद्धि और खुशियों के लिए नवरात्रि के दौरान करें ये उपाय 

  •    इस दौरान अपने घर में तुलसी का पौधा अवश्य ले आयें। सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को भगवान ही माना गया है। ऐसे में यदि आप नवरात्रि के शुभ दिनों के दौरान तुलसी का पौधा लाते हैं तो इससे आपके जीवन में माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
·        इसके अलावा यदि आप नवरात्रि के दौरान शुभ मुहूर्त में केले का पौधा लाकर हर गुरुवार इसकी विधिवत पूजा करते हैं तो इससे आपकी आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे सुधरने लगती है। 
·        साथ ही नवरात्रि में हरसिंगार का पौधा लगाने से भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
·        नवरात्रि के आखिरी दिन कन्या पूजन कराएं और कन्याओं को लाल रंग के वस्त्र उपहार में दें।
·        जीवन में कष्टों से मुक्ति पाने के लिए नवरात्रि के नौ दिनों में हनुमान जी की पूजा अवश्य करें।
·        ज़रुरतमंदों और गरीबों को उनकी ज़रूरत का अपनी यथाशक्ति के अनुसार दान दें।


नवरात्रि पूजा से जुड़े महत्वपूर्ण नियम

नवरात्रि आने पर एक रात्रि पहले अमावस्या के दिन सभी पूजन सामग्री एकत्रित कर भगवती के पूजन की तैयारी करनी चाहिए एक सुंदर व सुसज्जित वेदी बनाकर उस पर सिंहासन बिछाकर चतुर्भुजी या 18 भुजा वाली देवी की प्रतिमा या नवार्ण मंत्र लिखकर या नवार्ण यंत्र स्थापित करना चाहिए उसी के साथ पिठ पूजा के लिए एक कलश की स्थापना करनी चाहिए कलश को सुंदर सजा कर उसमें पंच पल्लव, स्वर्ण, पंच रतनी आदि सभी वस्तुएं डालकर उसका पूजन करना चाहिए भगवती की प्रीति के लिए विभिन्न प्रकार की स्तुतियों का पाठ तथा ब्राह्मण द्वारा भगवती का विधिवत पूजन कराना चाहिए विशेष कामनाओं के लिए प्रतिदिन एक वृद्धि क्रम से या तीन बृद्धि क्रम से कन्याओं का पूजन करना चाहिए कन्या पूजन अपनी सामर्थ्य अनुसार करें यदि वृद्धि क्रम से पूजन न कर सके तो एक, तीन, पांच, नो कन्याओं का पूजन प्रतिदिन या अंतिम तीन दिन या एक दिन अष्टमी या नवमी पर अपनी कुल परंपरा अनुसार कन्या पूजन करना चाहिए।

कन्या पूजन में 1 वर्ष की कन्या नहीं लेनी चाहिए क्योंकि 1 वर्ष की कन्या को गंद पाद्य आदि का बोध नहीं होता है इसलिए कन्या पूजन में शास्त्र अनुसार 2 से 10 वर्ष तक की कन्या लेनी चाहिए, पूजन में अधिक या हीन अंग वाली कन्याओं का पूजन नहीं करना चाहिए, कुष्ठ रोग ग्रस्त, घाव वाली या अन्य किसी रोग ग्रस्त कन्याओं का पूजन भी नहीं करना चाहिए, दासी पुत्री, रोगिणी तथा दुष्टा कन्या का भी पूजन नहीं करना चाहिए, विशेष कामनाएं होने पर सभी अभीष्टों की सिद्धि के लिए ब्राह्मणों की कन्या का पूजन करना चाहिए, यश की वृद्धि के लिए क्षत्रिय कन्या का, धन लाभ के लिए वैश्य कन्या का तथा पुत्र प्राप्ति के लिए शूद्र कन्या का पूजन करना चाहिए।

  • ·        2 वर्ष की कन्या कुमारी कहलाती है जिसका पूजन करने से दुख तथा दरिद्रताका नाश होता है व शत्रुओं का क्षय और धन, आयु तथा बल की वृद्धि करती है।
  • ·        3 वर्ष की कन्या त्रिमूर्ति कहलाती है त्रिमूर्ति का पूजन करने से धर्म, अर्थ, काम की पूर्ति होती है धन-धान्य का आगमन होता है और पुत्र-पौत्र आदि की वृद्धि होती है।
  • ·        4 वर्ष की कन्या कल्याणी कहलाती है विद्या, विजय, राज्य सुख की कामना करने वाले व्यक्ति को सदा कल्याणी का पूजन करना चाहिए।
  • ·        5 वर्ष की कन्या रोहिणी कहलाती है रोग नाश के लिए रोहिणी का पूजन करना चाहिए।
  • ·        6 वर्ष की कन्या कालिका कहलाती है शत्रु नाश के लिए कालिका का पूजन सर्वोत्तम बताया गया है।
  • ·        7 वर्ष की कन्या चण्डिका कहलाती है धन, ऐश्वर्य की अभिलाषा रखने वाले व्यक्ति को सदा चंडिका का पूजन करना चाहिए।
  • ·        8 वर्ष की कन्या शांभवी कहलाती है सम्मोहन, दुख, दरिद्र के नाश तथा संग्राम में विजय के लिए शांभवी का पूजन शुभ बताया गया है।
  • ·        9 वर्ष की कन्या दुर्गा कहलाती है क्रुर शत्रुओं के विनाश एवं उग्र कर्म की साधना के लिए और परलोक में सुख पाने की इच्छा रखने वाले को दुर्गा का पूजन करना चाहिए।
  • ·        10 वर्ष की कन्या सुभद्रा कहलाती है मनुष्य को अपने मनोरथ की सिद्धि के लिए सुभद्रा का पूजन करना चाहिए

इस प्रकार पूजन कर कन्याओं तथा ब्राह्मणों को दक्षिणा वस्त्र अलंकार आदि से पूजन कर संतुष्ट करके भगवती का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए, ऐसा अनेकों शास्त्रों में कहा गया है जैसे कि मंत्रमहोदधि, मंत्रमहार्णव, श्रीमद्देवीभागवत महापुराण एवं आगम तथा निगम का ऐसा आदेश है।

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राशिनुसार कैसी रहेगी जातकों के लिए शरद नवरात्रि 2021:

पढ़ें राशिफल और उपाय

मेष राशि 

इस राशि के जातकों के विवाह के योग बनने की उच्च संभावना है। प्रेम में पड़े जातकों के जीवन में मधुरता आएगी। इसके अलावा स्वास्थ्य के लिहाज से समय अनुकूल रहेगा। इस दौरान आपको रोग और बीमारियों से छुटकारा मिलेगा। आर्थिक जीवन भी शानदार रहने वाला है। इस समय आपको आर्थिक लाभ प्राप्त होने की संभावना है। साथ ही आपकी मनोकामना भी पूरी होगी। पेशेवर जातकों को भी लाभ मिलेगा। नवरात्रि के दौरान आपके जीवन में रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। आपको अपने भाइयों का भरपूर साथ प्राप्त होगा।

उपाय: माँ की आराधना करें और उनके बीज मन्त्रों का जाप करें।

वृषभ  राशि 

वृषभ राशि के जातकों को इस दौरान अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। हालांकि दूसरी तरफ आप अपनी संतान की वजह से किसी बात को लेकर चिंतित हो सकते हैं। वहीं इसके विपरीत स्वास्थ्य में सुधार आपके जीवन में थोड़ी राहत के पल अवश्य लेकर आएगा। पेशेवर जीवन में भी लाभ मिलेगा। साथ ही आपके जीवन में सुख और अचानक धन लाभ के प्रबल योग बन रहे हैं। इस राशि के विवाह योग्य जातकों के लिए समय अनुकूल है क्योंकि इस समय अवधि में आपकी शादी के योग बन सकते हैं।

उपाय: नवरात्रि में कलश स्थापना कर मां की उपासना करें।

मिथुन  राशि 

मिथुन राशि के जातकों को इस दौरान संतान सुख मिलने के प्रबल योग हैं। साथ ही आपको नौकरी में प्रमोशन और धन लाभ मिलने की भी संभावना बन रही है। वहीं दूसरी तरफ आपके शत्रु आपको थोड़ा परेशान कर सकते हैं। विवाह योग्य जातक शादी के बंधन में बंध सकते हैं। इसके अलावा नवरात्रि के दौरान आपको संपत्ति लाभ मिलने की भी प्रबल संभावना है। स्वास्थ्य के लिहाज से समय अनुकूल रहेगा। आपको पुरानी बीमारियों से छुटकारा मिलेगा।

उपाय: नवरात्रि व्रत रख कर हर दिन कन्याओं को भोजन खिलाएं।

कर्क  राशि 

कर्क राशि के जातकों को इस दौरान माता से सुख प्राप्त होगा। साथ ही आपके जीवन में सुख, धन और वैभव बढ़ने की प्रबल संभावना है। जीवन में आपको अपने कार्यों में सफलता और साथ ही साथ मान सम्मान हासिल होगा। इसके अलावा विदेश में नौकरी या बसने के संदर्भ में भी आपको शुभ समाचार मिल सकता है।

उपाय: दुर्गा चालीसा का सुबह शाम पाठ करें।

सिंह  राशि 

सिंह राशि के जातकों का पराक्रम इस वक्त शानदार रहने वाला है। इस दौरान आपको अपनी मेहनत और आशा के अनुरूप फल प्राप्त होगा। साथ ही आपको आपके भाइयों से मदद प्राप्त होगी। जीवन में कुछ बातों को लेकर मानसिक चिंता रह सकती है। हालांकि वहीं आपकी सेहत में सकारात्मक सुधार आएगा। प्रेम में पड़े जातकों के जीवन में मधुरता आएगी और विवाहित जातकों के शादी के योग बनेंगे।

उपाय: नवरात्रि में माँ दुर्गा देवी को लाल चुनरी अर्पित करें।

कन्या  राशि 

कन्या राशि के जातकों को इस समय अवधि के दौरान स्थाई संपत्ति से लाभ मिलने की संभावना है। इसके अलावा आपको अपने जीवन में सुख सम्मान प्राप्त होगा। धन प्राप्ति के योग बनेंगे और साथ ही यदि आपका ध्यान कहीं अटका हुआ है तो वह भी आपको प्राप्त होगा। आपके जीवन में इस दौरान मांगलिक कार्यों के होने के योग बन रहे हैं। इसके अलावा आपके स्वास्थ्य में आपको सकारात्मक सुधार देखने को मिलेगा।

उपाय: कन्याओं को हरे रंग की नेल पॉलिश  दान करें।

तुला  राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए यह समय अनुकूल रहने वाला है। इस दौरान आपके जीवन में प्रसन्नता बनी रहेगी। साथ ही इस नवरात्रि आपके जीवन में मांगलिक कार्य होने के योग बन रहे हैं। सलाह दी जाती है कि व्यर्थ की चिंता ना करें। अपने जीवन से कष्ट और परेशानियां दूर होंगे। पेशेवर जीवन में पदोन्नति प्राप्त हो सकती है। साथ ही आपको स्वास्थ्य मोर्चे पर भी अनुकूल परिणाम प्राप्त होगा। साथ ही आपके सभी काम समय पर पूरे होंगे।

उपाय: देवी दुर्गा पर लाल फूल अर्पित करें।

वृश्चिक  राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस दौरान अनावश्यक खर्च होने के योग बन रहे हैं। साथ ही आपके जीवन में किसी बात को लेकर मानसिक चिंता बनी रहेगी। वहीं इसके विपरीत आपके प्रेम में बढ़ोतरी होगी और स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। इसके अलावा वृश्चिक राशि के जातकों को अपनी कमाई में कमी देखने को मिल सकती है। घर परिवार के लोगों का विशेष ध्यान रखें अन्यथा उनसे संबंधित कोई चिंताजनक समाचार मिल सकता है। इस राशि के जो लोग नया व्यापार शुरू करना चाहते हैं उसकी योजना बनाने के लिए समय अनुकूल है।

उपाय: देवी को शहद का भोग अर्पित करें।

धनु  राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए यह नवरात्रि लाभदायक रहने वाली है। इस दौरान आपके जीवन में मांगलिक कार्यों के प्रबल योग बनेंगे। साथ ही इस राशि के जातकों के प्रेम जीवन के नए मार्ग खुलेंगे। वहीं पेशेवर जातकों की आय में बढ़ोतरी होगी। हालांकि इन सब के विपरीत आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। पारिवारिक जीवन भी शानदार बना रहेगा। आपके घर में हंसी खुशी और हर्ष का माहौल रहने वाला है।

उपाय: सिद्धि कुंजिका का पाठ करें।

मकर  राशि 

नवरात्रि की यह समय अवधि मकर राशि के जातकों के लिए शुभ रहने वाली है। इस दौरान आपके रुके हुए सभी कार्य पूरे होंगे और विवाह की राह में आने वाले सभी अड़चनें भी दूर होने के योग हैं। आपके जीवन में कुछ मांगलिक कार्य होंगे। इसके अलावा नवरात्रि में इस राशि के सिंगल जातकों को प्रेम मिलने की प्रबल संभावना है। आपके जीवन में खुशियां बनी रहेंगी। शत्रु का नाश होगा और आपको आर्थिक लाभ भी प्राप्त होगा। साथ ही मकर राशि के जातकों की मनोकामना भी पूरी होगी।

उपाय: मां दुर्गा के मंदिर में पांच प्रकार के फल चढ़ाएं।

कुंभ  राशि 

नवरात्रि की इस समय अवधि में कुंभ राशि के जातकों के भाग्य में वृद्धि होगी। इसके अलावा आपको अपने जीवन में सफलता प्राप्त होगी और साथ ही प्रगति और खुशियां भी मिलेंगी। कुंभ राशि के जातकों को इस दौरान आपके दोस्तों की मदद मिलेगी और आपके सभी रुके हुए और अटके हुए काम पूरे होंगे। पेशेवर जीवन में आपको शुभ समाचार मिलेगा। कुल मिलाकर देखा जाए तो यह समय आपके लिए अनुकूल रहने वाला है।

उपाय: मां दुर्गा जी को रक्त पुष्प अर्पित करें।

मीन  राशि 

नवरात्रि की इस समय अवधि में मीन राशि के जातकों को वाहन चलाते समय विशेष रूप से सावधान रहने की सलाह दी जाती है। इस दौरान आपके शत्रुओं का नाश तो होगा हालांकि जीवन में कुछ परेशानियां आपको दिक्कत में डाल सकती है। इसके अलावा इस नवरात्रि आपको अपने जीवन में धन लाभ होगा और नौकरी में प्रमोशन के प्रबल योग बन रहे हैं। जीवन में कुछ मांगलिक कार्यों का आयोजन होगा और साथ ही विदेश जाने के मार्ग खुलेंगे।

उपाय: माता को लाल चुनरी अर्पित करें।


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